जो हमने राज छुपाए थे उसे बेपर्दा कर दिया अच्छा भला था मौसम गर्दा कर दिया उन्हें समझ में आ चुका है मैं बात बदलने की कोशिश कर रहा हूं उनकी नजर में इतना नीचे गिर चुका हूं जिस खाई से कभी निकल नहीं सकता
हिंदी शायरी | शायरी संग्रह | अच्छी शायरी | हिंदी में लिखा हुआ शायरी | मनोज कुमार