सर दर्द शायरी इन हिंदी तुम्हें क्या पता किस हाल में जी रहे हैं जिंदगी का जहर घुट घुट कर पी रहे हैं तुमको सिर्फ अपना स्वार्थ सिद्ध करना था सच कह रहा हूं दर्द इतना ज्यादा बढ़ गया है आजकल मुझे कुछ दिखाई नहीं देता है तन्हा जीने पर मजबूर हूं - दर्द शायरी ख्वाहिश थी तुम्हें अपना बनाएंगे मगर अपनाने का हर तरीका फेल हो गया मेरे जिंदगी के साथ अजब गजब का खेल हो गया अधूरी चाहतों में तन्हा जीने पर मजबूर हूं
Hindi shayari | shayari Sangrah | acchi shayari अपने हुनर से जिंदगी का हर मुकाम हासिल कर सकते हो वक्त की नजाकत देखते हुए सही फैसले की जरूरत है ख्वाहिशों को पूरा करने का प्रयत्न जारी रखो धीरे-धीरे मंजिल तक पहुंच जाओगे तुम्हारे बुरे वक्त को देखकर जो चेहरा फेर लिया करते हैं जब सफलता मिलेगी यह सच है एक मुलाकात को तरसेंगे हौसले को इतना मजबूत कर लो चाहे कितना भी परेशानियों का सामना करना पड़े मंजिल की राहों से विचलित नहीं होना तुम्हारी मुकद्दर बदल जाएगी